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तुलसी के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण | Tulsi Benefits in Hindi


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तुलसी के फायदे, उपयोग व औषधीय गुण | Tulsi Benefits in Hindi

तुलसी एक तरह का पौधा है जिसे भारत के अधिकतर घर में पूजा जाता है। यह घरों की छतों और आँगन में लगाई जाती है जिसे हिन्दू धर्म में पूजनीय माना जाता है। इस पौधे में अनेकों बिमारियों से लड़ने की क्षमता होती है।


तुलसी क्या है? (What is Tulsi)


यह सिर्फ एक पौधा नहीं बल्कि जड़ी - बूटी के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। माना जाता है की घर में इस पौधे के होने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है इस पौधे में विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते है।

रात को यह पौधा ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है तुलसी की और भी प्रजातियां होती है जैसे - इसमें श्वेत और कृष्ण को प्रमुख माना जाता हैं। राम और कृष्ण तुलसी के नाम से भी इन्हें जानते है।

इसके पौधे की ऊंचाई की बात करे तो यह ३० सेमी से लेकर ६० सेमी तक होता है। फूल सफ़ेद और बैंगनी रंग के होते है। जुलाई से अक्टूबर तक तुलसी का पुष्पकाल और फलकाल होता है।

तुलसी के उपयोग  (Tulsi Uses)


तुलसी की पत्तियों को सबसे ज्यादा गुणकारी माना जाता है। इसकी पत्तियों का चूर्ण बनाकर और बीज का प्रयोग भी किया जा सकता है। आप पत्तियों को सीधे भी खा सकते है।

अदरक और शहद के साथ तुलसी मिलाकर हर्बल चाय बनाकर सर्दियों में पीया जाता है। बुखार, पेट दर्द और संक्रमण जैसी बिमारियों में भी इसका उपयोग किया जाता है। तुलसी के उपयोग से भूख बढ़ाने, पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है।

तुलसी कहां पायी या उगाई जाती है (Where is Tulsi Plant found or grown)


इस पौधे को कहीं भी उगाया जा सकता है। इसके लिए किसी ख़ास जगह को चुनना जरुरी नहीं है। घर की छत पर या घर के आँगन में इसे उगाया जा सकता है। बड़े पैमाने पर तुलसी की खेती भी की जाती है।


तुलसी के फायदे (Tulsi Benefits)


तुलसी को रक्षा कवच माना जाता है। तुलसी के सभी हिस्सों का अपना - अपना अलग महत्व है। इसकी शाखाएँ, बीज, पत्ती और जड़ सभी के बहुत फायदे है। आइये जानते है श्री तुलसी के फायदे

१. सर्दी-खांसी में -

इसका उपयोग सर्दी खांसी में आराम देने के लिए किया जाता है। अगर आपको जुकाम सर्दी खांसी हो गई है तो तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है। तुलसी के साथ काली मिर्ची, लौंग और गुड़ मिलाकर काढ़ा तैयार किया जाता है।


२. मुँह की दुर्गंध -

तुलसी के पत्तों को चबाने से मुँह की दुर्गंध को दूर किया जा सकता है। अगर साँसों में से बदबू आती है तो तुलसी खाने के फायदे इसमें होते है। तुलसी के पत्ते चबाना चाहिए ऐसा करने पर दुर्गंध खत्म हो जाती है।


३. सिर की जूं लीख में -

यदि सिर में जूं लीख हो गई है तो ऐसे में तुलसी का तेल बालों में लगाना चाहिए। इसकी पत्तियों से आप तेल बना सकते है या बाजार में भी आपको तुलसी का तेल मिल सकता है।

४. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये -

तुलसी में रोगों से लड़ने की ताकत होती है। यह इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती है। तुलसी का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

५. कान दर्द और सूजन में राहत -

यह कान के दर्द और सूजन को कम करने का काम करती है। तुलसी पत्र स्वरस को गर्म कर ले इसकी २ - २ बून्द कान में डालने पर दर्द से मुक्ति मिलेगी। कान के पीछे हो रही सूजन में तुलसी पत्ती के साथ एरंड की कोंपलों को पीस ले इसमें नमक मिला ले इस लेप को गुनगुना करके लगाएं।

६. तनाव से मुक्ति -

तुलसी में एंटीस्ट्रेस गुण पाए जाते है। शरीर में पाया जाने वाला कॉर्टिसोल हॉर्मोन जिसे स्ट्रेस हार्मोन कहते है उसे नियंत्रित करने में तुलसी सहायक होती है।

७. दस्त में आराम -

दस्त से परेशान होने पर आप इसका उपयोग जरूर करे। जीरे के साथ तुलसी के पत्तों को पीस ले। दिन में इसे ३ - ४ बार खाये इससे दस्त रुक जाएंगे।


८. चोट लगने पर -

इसमें एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते है जो घाव को ठीक करने में मददगार साबित होते है। फिटकरी और तुलसी के पत्ते दोनों को साथ में मिलाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।

९. वजन कम करने में सहायक -

तुलसी के पत्ते के फायदे में वजन कम करना भी शामिल है। तुलसी रस शरीर का वजन कम करने के साथ बीएमआई और शरीर में इन्सुलिन को नियंत्रित करता है।

१०. रतौंधी में लाभ -

तुलसी रस के फायदे रतौंधी में भी होते है। २ से ३ बून्द तुलसी पत्र स्वरस को आँखों में डालने से फायदा होता है। आप चाहे तो तुलसी ड्राप खरीदकर भी इसका इस्तेमाल कर सकते है। तुलसी ड्राप के फायदे रतौंधी ठीक करने में होते है।

११. चेहरे की आभा -

तुलसी की पत्तियों को पीसकर इसका लेप या रस चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ती है और कील मुहांसे भी ठीक होते है।

१२. साँप के काटने पर -

अगर साँप ने काट लिया है तो तुलसी का रस पिलाना चाहिए और इसकी जड़ और मंजरी को पीसकर साँप के काटे हुए स्थान पर लगाना चाहिए। इसका रस नाक में टपकाने से बेहोश रोगी को आराम मिलता है।

१३. सिर दर्द में आराम -

सिर में दर्द होने पर तुलसी की पत्ती की चाय बनाकर पीने से फायदा होता है।

१४. हृदय रोग -

इसका सेवन करने से हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है और हृदय को स्वस्थ बनाये रखता है।

१५. झड़ते बालों के लिए उपयोगी -

तुलसी की पत्तियां बालों को झड़ने से रोकती है और सिर में ठंडक बनाये रखती है। इससे सिर में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से होता है।


तुलसी के बीज के फायदे (Tulsi seeds Benefits)

1) यौन रोग में आराम

तुलसी के बीज को यौन रोगों में इस्तेमाल किया जाता है। पुरुषों की शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए, नपुसंकता और यौन दुर्बलता में भी तुलसी के बीज प्रयोग में लाये जाते है।

2) अनियमित पीरियड्स में

मासिक चक्र की अनियमितता को दूर करने में इसके बीज का सेवन करना उचित होता है।


3) कैंसर का इलाज

इसके बीज का इस्तेमाल कैंसर के इलाज के लिए भी बताया गया है लेकिन अभी इस बात की पूर्ण रूप से पुष्टि नहीं हुई है।

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तुलसी की सामान्य खुराक  (Dosage of Tulsi in Hindi)


यदि आपको किसी तरह की बीमारी है और इसलिए आप तुलसी का सेवन कर रहे है तो पहले चिकित्सक की सलाह लेना ही उचित होता है।

स्वरस : ५ से १० मिली

चूर्ण : १ से ३ ग्राम

अर्क : ०.५ से १ ग्राम

सान्द्र सत् : ०.५ से १ ग्राम

क्वाथ चूर्ण : २ ग्राम

निष्कर्ष :


तुलसी जिसे देवी के रूप में पूजा जाता है यह भारत के हर आँगन और छतों पर देखने को मिलती है। यह औषधीय गुणों से भरी होती है। ठंड के दिनों में इसका काढ़ा और चाय बनाकर पीने से बहुत लाभ होते है।

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