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प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए | Foods to Avoid During Pregnancy


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प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए | Foods to Avoid During Pregnancy

प्रेगनेंसी एक ऐसा समय है जब आपको अपनी सेहत का ख़ास ध्यान रखना होता है। आप क्या खाते है उसका असर आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। गर्भावस्था में आपको किन पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जानने के लिए आगे पढ़े।  

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प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए (Foods to Avoid During Pregnancy)


किसी भी महिला के लिए अपने जीवन का सबसे खूबसूरत पल होता है। गर्भावस्था इस दौरान महिलाओं को लज़ीज व्यंजन खाने का सबसे ज्यादा मन होता है।

लेकिन प्रेग्नेंट महिला का खानपान बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकते है। तो ध्यान रखे की प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए

  • हींग का सेवन ना करे - हींग भोजन का स्वाद और दोगुना कर देती है। भारत में खाने में तड़का लगाने में हींग का ख़ास तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। प्रेगनेंसी में इसका सेवन करने से या इसकी अधिक मात्रा से उल्टी की समस्या, डकार, गैस बनने की शिकायत, गले में संक्रमण और भी अन्य समस्याएं हो सकती है।


  • पपीता ना खाए गर्भावस्था में - हरा और अधपके पपीते में एंजाइम्स होते है इसकी वजह से गर्भाशय में संकुचन होने लगता है जो गर्भपात होने का कारण बनता है तो ध्यान रखे की कंसीव करने के बाद पपीता से दूर ही रहे।

    इसका सेवन ना करे एक अध्ययन के मुताबिक : हरा और अधपका पपीता में माइरिड एंजाइम्स और पस होता है। जिससे गर्भाशय में ऐंठन होती है ऐंठन गर्भपात की वजह बनती है।

  • चिकन ना खाये - चिकन में पाए जाने वाले बैक्टीरिया और अन्य परजीवी नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होते है और यह प्रेग्नेंट महिला के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते है। इसकी वजह से महिला को विकलांगता आ सकती है, मिर्गी का सामना करना पड़ सकता है और अंधापन भी हो सकता है।

  • स्ट्रीट फूड से करे परहेज - स्ट्रीट फ़ूड सभी को बहुत लुभाते है लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक होते है। महिला का शरीर प्रेग्नेंसी के दौरान कमजोर होता है जो इस तरह के फ़ूड को पचाने में असमर्थ होता है।

     ऐसे समय में स्ट्रीट फ़ूड खाने पर नियंत्रण करना चाहिए।

  • कच्चे अंडे को कहे ना - कच्चे अंडे में साल्मोनेला बैक्टीरिया होता है जिससे की पेट में ऐंठन, मितली, उल्टी, बुखार जैसी समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में संक्रमण की वजह से गर्भाशय में ऐंठन हो सकती है।

   जिससे समय के पहले ही बच्चे की मृत्यु हो सकती है या बच्चा मृत जन्म हो सकता है। इन खाद्य पदार्थों में कच्चे अंडे होते हैं जैसे - घर पर बना मेयोनेज़, घर की बनी आइसक्रीम, घर का बना केक, हल्के से तले हुए अंडे और ऑमलेट।

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  • सहजन - वैसे तो यह सेहत के लिए बहुत उत्तम होती है और आयरन, पोटैशियम, विटामिनों की भरपूर मात्रा इसमें पायी जाती है। सहजन में एल्‍फा सिटोस्‍टेरोल होता है जिससे की मिसकैरेज हो सकता है। तो प्रेगनेंसी में इसके सेवन के पहले डॉक्टर से परामर्श कर ले।


  • कच्चे अंकुरित - कच्चे अंकुरित अनाज साल्मोनेला से दूषित होते है क्योंकि बीजों के अंकुरण के लिए आवश्यक आर्द्र वातावरण की वजह से इस तरह के जीवाणुओं का होना सम्भव ही होता है। इसलिए गर्भावस्था में इसके सेवन से बचे। एफडीए के अनुसार : स्प्राउट्स को पकाने के बाद खाना सुरक्षित माना गया है।

  • गर्भावस्था में ना खाये अजीनोमोटो - इसका सेवन भ्रूण में मस्तिष्क के विकास को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है स्ट्रीट फूड और चाइनीज फूड में अजीनोमोटो बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है तो ऐसे फ़ूड से बचे।

  • शराब ना पिएं - अल्कोहल से गर्भपात और मृत जन्म का खतरा ४ गुना होता है थोड़ी सी भी शराब की मात्रा बच्चे के मस्तिष्क विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालती है किसी भी अध्ययन में गर्भावस्था के दौरान अल्कोहल का सेवन सुरक्षित साबित नहीं हुआ है। इसलिए शराब नहीं पीने की सलाह ही दी जाती है।

  • अंगूर - अंगूर में पाया जाने वाला एसिड शरीर के तापमान में वृद्धि करता है जो गर्भावस्था में जटिलताएं पैदा कर सकता है। यह पेट संबंधित समस्याओं का भी कारण बनता है। पहली तिमाही में गर्भवती महिलाओं को अंगूर का सेवन नहीं करना चाहिए।

  • गर्भावस्था के दौरान मेथी - गर्भावस्था के बाद मेथी या मेथी दाना का सेवन महिला के आहार में सबसे आम होता है। लेकिन गर्भावस्था के समय मेथी के सेवन से बचना चाहिए यह गर्भपात के लिए बहुत जिम्मेदार होता है।

  • ऑर्गन मांस - खराब आहार मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। गर्भावस्था के दौरान यदि ऑर्गन मीट का सेवन किया जाए तो बच्चे में लीवर की विषाक्तता और दोष हो सकते हैं। गर्भवती पहली तिमाही में तो इसे खाने से बचना चाहिए।


  • एलोवेरा - इसके सेवन से उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। जिससे भ्रूण को हानि पहुँचती है और समय से पहले संकुचन हो सकता है। यह गर्भाशय को प्रभावित करता है। यह दूसरी तिमाही में गर्भपात का कारण बनता हैं। एलोवेरा को अपने भोजन में शामिल ना करे।


  • बिना धुले उत्पाद का सेवन - बिना धुले फल और सब्जियों में बैक्टीरिया और परजीवी होते है। यह इसमें लगी हुई मिट्टी की वजह से होते है। फलों और सब्जियों पर रहने वाले परजीवी को टोक्सोप्लाज्मा कहते है।

गर्भ में रहते हुए टोक्सोप्लाज्मा बैक्टीरिया के संक्रमण के लक्षण शिशुओं पर जन्म के समय नहीं दीखता लेकिन जीवन में बाद में अंधेपन या बौद्धिक अक्षमता जैसे लक्षण विकसित हो सकते हैं।


  • अनानास - वैसे तो अनानास पोषक तत्‍वों से युक्‍त होता है लेकिन गर्भावस्‍था के शुरुआती महीनों में इससे फायदे होने की बजाय नुक्सान हो सकते है। अनानास में ब्रोमलिन होने की वजह से पेट में संकुचन पैदा होता है जिससे मिसकैरेज हो सकता है। प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में अनानास के सेवन से बचना चाहिए।

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निष्कर्ष :

गर्भवती होने पर खाने पिने का विशेष ध्यान रखे। उन खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचे जो आपको और आपके बच्चे के लिए खतरे का कारण बने। गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार ही सफल प्रेगनेंसी की वजह होती है। स्वस्थ खाये और अपना व अपने बच्चे का ध्यान रखे।

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