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गोखरू के फायदे, उपयोग एवं नुकसान | Gokhru Ke Fayde in Hindi


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गोखरू के फायदे, उपयोग एवं नुकसान | Gokhru Ke Fayde in Hindi

गोखरू क्या है? (What is Gokhru in Hindi?)

गोखरू बारिश के मौसम में फेलने फूलने वाला पौधा है। गोखरू के पौधे भूमि पर फैलते है। गोक्षुर की जड़ का प्रयोग दशमूल में और फल का प्रयोग वृष्य के रुप में करते है। यह हर तरह की जमीन पर उग जाते है।

गोखरू के पत्ते चने की तरह होते है, जिसके कारण इसे संस्कृत में इसे चणद्रुम कहते हैं। इसके तने १.५ मी लम्बे होते है। पत्ते चने के पत्तों की तरह होते है लेकिन इनका आकार बढ़ा होता है। फूल पीले रंग के होते है जो छोटे और कांटों से युक्त होते है।  

इसमें चने के आकार की तरह कँटीले फल लगते हैं। इन फलों का औषधि के रूप में प्रयोग होता है। फल बड़ा और छोटा दो तरह का होता है। इस पौधे की जड़ मुलायम होती है। अगस्त से दिसम्बर के महीने में यह पौधे फलते फूलते है।

गोखरु के नाम से इसके बीज भी मिलते हैं। विभिन्न विकारो मे इसका प्रयोग किया जाता है। यह सेहत और रोगों दोनों के लिए औषधि की तरह काम में लिया जाता है। मूत्राशय संबंधी रोग, सूजन, दर्द को कम करने वाला होता है। गोखुर के अनगिनत गुणों के कारण आयुर्वेद में बड़े स्तर पर इसका प्रयोग किया जाता है।

अन्य भाषाओं में गोखरू के नाम (Name of Gokshur in Different Languages?)


इसका वानस्पतिक नाम है (ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस) गोखरू (जाइगोफिलेसी) कुल का है।

गोखरू को भारत के अन्य प्रांतों में कई नामों से जानते है। इसके और भी बहुत से नाम है।

संस्कृत - गोक्षुरक, त्रिकण्ट, स्वादुकण्टक, गोकण्टक, गोक्षुरक,वन शृङ्गाट, पलङकषा, श्वदंष्ट्रा, इक्षुगन्धिका, चणद्रुम

हिंदी - गोखरू, छोटा गोखरू, हाथीचिकार

गुजराती - बेटागोखरू , नहानगोखरू

कन्नड़ - नेग्गिलुमुल्लु, नेरूंजी

ओरिया - गाखुरा , गोक्षरा

उर्दू  - गोखरू

बंगाली - गोखरू, गोखुरी

मराठी - लहानगोखरू, सरला ज्ञरोत्ते, शराट्टे , काटे गोखरू

तमिल - नेरिंजिल, नेरींजीकाई

तेलुगु - पाल्लैरु , चिरूपल्लेख, चिरूपाल्लैरू

अंग्रेजी - स्मॉल कैल्ट्रॉप्स, गोट हैड, पंक्चर वाईन,  डेविल्स् थोर्न

पंजाबी - बखरा, लोटक, भखर

पर्शियन - खारेखसक

अरबी - मसक, बास्तीताज, खसक

मलयालम - नेरिंजिल

गोखरू के फायदे (Benefits and Uses of Gokshura in Hindi)

विभिन्न रोगों के उपचार के लिए गोक्षुरा का उपयोग किया जाता है। गोक्षुरा के स्वास्थ्य लाभ आगे बताये गए है।

1) हाजमा बढ़ाये

गोखरू का काढ़ा हजम शक्ति को मजबूत बनाता है। कमजोर हजम शक्ति वाले लोगों को गोखरू का सेवन करना चाहिए। इससे खाना पचने में आसानी होती है। ३० से ४० मिली गोखरू काढ़ा में ५ ग्राम पीपल का चूर्ण पियें। इससे पाचन-शक्ति बेहतर होती है।

2) मूत्र विकारों में लाभ

पेशाब करने के दौरान दर्द, पेशाब में जलन व विभिन्न प्रकार के मूत्र रोगों में गोखरू एक शक्तिशाली उपाय है। इसे गाय के दूध में मिलाकर पियें इससे दर्द और जलन दोनों में आराम मिलेगा और उचित पेशाब को भी उत्तेजित करने में मदद करेगा यह हल्का मूत्रवर्धक है जिससे डिसुरिया का भी इलाज होता है इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते है जो मूत्र संक्रमण को रोकते है।

3) पथरी या अश्मरी में

पथरी की समस्या से बहुत से लोग परेशान है गोखरू का सेवन पथरी को प्राकृतिक रूप से बाहर कर देता है ५ ग्राम गोखरू चूर्ण लें इसमें १ चम्मच शहद मिला लें और दिन में ३ बार इसका सेवन करें इसके ऊपर बकरी का दूध पी लें इससे अश्मरी टूटकर निकल जाती है।

4) यौन स्वास्थ्य और सहनशक्ति में बढ़ावा

यह पुरुषों के स्वास्थ्य में भी सुधार करने में सहायक है। यह एक तरह का प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है जो टेस्टोस्टेरोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का उत्पादन बढ़ाता और उसमें सुधार करता है। स्तंभन दोष और शीघ्रपतन का भी इलाज करता है।

इस चूर्ण में शक्तिशाली शुक्राणुजन्य गुण पाए जाते है। यह गुण शुक्राणु उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होते है। जो एस्थेनोज़ोस्पर्मिया (यानी शुक्राणु की गतिशीलता), हाइपोस्पर्मिया (वीर्य की कम मात्रा), टेराटोस्पर्मिया (यानी असामान्य शुक्राणु आकार) ओलिगोस्पर्मिया (यानी कम शुक्राणुओं की संख्या) का इलाज करने के लिए बहुत लाभकारी है।

5) चर्मरोग में

यह एक तरह का प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और क्लींजर है। जो उम्र बढ़ने के विभिन्न लक्षणों जैसे : झुर्रियों, काले घेरे, धब्बों, महीन रेखाओं आदि का इलाज करता है। मुंहासों, फुंसियों को भी कम करता है। कई लोगों को त्वचा से संबंधित रोग हो जाते है जिसका कारण है अत्यधिक प्रदूषण।

इससे बचने के लिए गोखरू का फल बहुत मदद करता है इसके फल को पानी में मिलाकर पीस लें और चेहरे पर लगाएं या जहाँ भी खुजली और दाद हो रहे हो उस पर लगाएं आपको आराम मिलेगा। इसका दूसरा तरीका है २ चम्मच गोक्षुरा पाउडर, १ चम्मच शहद, २-३ चम्मच गुलाब जल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। इसे चेहरे पर लगाएं और १५ मिनट बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।

6) सिरदर्द में

आज के समय में तनाव इतना बढ़ गया है जिसकी वजह से सिरदर्द होना सामान्य है। कई लोग सिरदर्द से परेशान है। इसके लिए १० से २० मिली गोखरू काढ़ा सुबह-शाम पियें। पित्त के बढ़ जाने से सिरदर्द होने पर इसमें आराम मिलेगा।

7) दस्त रोकने में

यदि आपको दस्त लग गए है और ठीक नहीं हो रहे तो गोखरू का सेवन करें। ५०० मिग्रा गोक्षुरफल चूर्ण को मट्ठे के साथ खाना है। इसे दिन में २ बार खाएं इससे अतिसार और आमातिसार ठीक हो जाता है।

8) पीसीओएस का इलाज

पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) एक आम समस्या हो गई है। इस समस्या के पीछे हार्मोंस का असंतुलन है। जिसके कारण वजन का बढ़ना, पीरियड्स, बालों का झड़ना, मुंहासे आदि हो जाते हैं। पीसीओएस की वजह से गर्भधारण में बहुत कठिनाई आती है।

गोखरू एक सक्रिय मूत्रवर्धक है। जिसका सेवन करने से सिस्ट से अतिरिक्त पानी बाहर हो जाता है। इससे उसका आकार भी कम हो जाता है। गोखरू महिला प्रजनन अंगों को बढ़ावा देता है, रक्त में हार्मोनल स्तर बनाए रखता है और अंडों की परिपक्वता को रोम में बढ़ाता है इतना फायदेमंद है गोखरू।

9) दमा में राहत

बहुत से लोगों में दमा की बिमारी हो रही है इसमें गोखरू का सेवन करना फायदेमंद होता है। गोखुर के फल चूर्ण को २ ग्राम की मात्रा में लें। इसे २-३ सूखे अंजीर के साथ इसका दिन में ३ बार सेवन करें। नियमित रूप से सेवन करने पर दमा में राहत मिलेगी। गोक्षुर तथा अश्वगंधा बराबर मात्रा में लें। इसमें २ चम्मच शहद मिला लें। इसे २५० मिली दूध के साथ दिन में २ बार आपको सेवन करना है। इससे कमजोरी और सांस से जुड़ी समस्या में आराम होगा।

10) कार्डियक फंक्शनिंग को बढ़ावा

यह एंटीऑक्सीडेंट की प्रकृति से भरपूर होता है जिससे की हृदय रोगों का इलाज करने में फॉर्मूलेशन बहुत प्रभावी है। गोक्षुरा हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। रक्त वाहिकाओं में लिपिड के गठन को रोकता है। गोक्षुरा में बायोएक्टिव घटक मौजूद होते है।

जो गैर-एस्ट्रिफ़ाइड फैटी एसिड (एनईएफए) का स्तर भी कम करता है। जिसके कारण कई तरह की बीमारी स्ट्रोक, दिल के दौरे, रक्त के थक्के इस तरह के जोखिम कम हो जाते है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी बनाकर रखता है।

11) दर्द से दे मुक्ति

गोक्षुरा में एंटी इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते है। जिससे की यह दर्द और सूजन से राहत देने का कार्य करता है। इस कारण रूमेटोइड गठिया और ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द को कम करने के लिए इसका व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।

12) चिंता और अवसाद के लिए

गोक्षुरा में मौजूद सैपोनिन के कारण सीरम कोर्टिसोल का स्तर कम हो जाता है। जिससे की यह चिंता और अवसाद के इलाज में काम आने वाली औषधि है। गोखरू एक प्रभावी चिंताजनक और अवसादरोधी दवा के रूप में उपयोग की जाती है। यह सभी आयु वर्ग पर अपना प्रभाव दिखाती है। चिंता और अवसाद से ग्रसित लोगों को इसका सेवन करना चाहिए।

13) मस्तिष्क के कामकाज को बढ़ावा

गोक्षुरा चूर्ण मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बढ़ाने का एक प्राकृतिक उपाय है। इसमें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होते है जो किसी व्यक्ति मानसिक विकास जैसे : सतर्कता में सुधार, ध्यान, स्मृति क्षमता, शांति, एकाग्रता को बढ़ाने में सहायक है। गोक्षुरा चूर्ण का नियमित सेवन समस्या-समाधान, तर्क,  याददाश्त और अन्य संज्ञानात्मक क्षमताओं में सुधार करता है। मानसिक स्थितियों के उपचार में यह बहुत फायदेमंद है। अपने मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाने के लिए गोक्षुरा का जरूर सेवन करें।

14) लो स्पर्म काउन्ट में

जिन पुरुषों को लो स्पर्म काउन्ट की समस्या है उन्हें गोखरू किसी ना किसी रूप में लेना चाहिए। तो जो पुरुष पिता बनने का सुख नहीं ले पा रहे है उनके लिए गोखरू बहुत लाभदायक होता है। २० ग्राम गोखरू के फलों को २५० मिली दूध में उबाल लें। इसे सुबह-शाम पियें इससे स्पर्म या वीर्य से संबंधी समस्याएं कम होती है और उसमें आराम भी मिलता है। स्पर्म का काउन्ट और क्वालिटी बढ़ाने के लिए १० ग्राम गोखरू और १० ग्राम शतावर को २५० मिली दूध में मिलाकर पिएं। आपकी शारीरिक शक्ति भी बढ़ जाएगी और कमजोरी खत्म हो जाएगी।

15) गर्भाशय शूल या यूटेरस के दर्द में

जिन महिलाओं को गर्भाशय में दर्द होता है या किसी वजह से दर्द हो रहा है तो गोखरू का नियमित रूप से सेवन बहुत लाभदायक होता है। इसके लिए ५ ग्राम काली किशमिश, ५ ग्राम गोखरू फल, २ ग्राम मुलेठी इन सभी को मिलाकर पीस लें और सुबह-शाम इसका सेवन करें। इससे गर्भाशय के दर्द से मुक्ति मिलेगी।

16) आमवात या रूमाटाइड के दर्द में आराम

उम्र का असर तो शरीर पर होता ही है जिसका सबसे ज्यादा असर जोड़ो में होता है। जोड़ो के दर्द से मुक्ति पाने के लिए गोखरू फल में बराबर की मात्रा में सोंठ चतुर्थांश का काढ़ा बनाकर सेवन करने से जोड़ो के दर्द, कमर दर्द में आराम होता है रोज सुबह- शाम इसका सेवन करें।

17) कामेच्छा को बढ़ाने में

गोक्षुरा कामोद्दीपक प्रकृति का होता है। जो मानसिक तनाव और चिंता कम करता है। जिससे की मन शांत रहता है। यह कामेच्छा बढ़ाने वाले हार्मोन को उत्तेजित करता है। यह महिला और पुरुष दोनों में ही कामेच्छा को बढ़ाता है और महिला व पुरुष दोनों की ही प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। पुरुषों के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है यह पौरूषशक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाता है।

18) शरीर सौष्ठव के लिए

गोक्षुरा मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है और शरीर की संरचना में सुधार करता है। अगर आप बॉडी बिल्डर है तो यह शरीर की ताकत को बढ़ाने और वजन बढ़ाने में मदद करता है। जो लोग अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाना चाहते है उन्हें इसका सेवन करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि कुछ लोग स्टेरॉयड का विकल्प चुनते हैं। जिसका लम्बे समय तक सेवन करने से यह नुकसानदायक हो सकता है। गोक्षुरा एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो बिना नुकसान लाभ पहुँचाती है।

19) कान-नाक से खून बहना

यदि कान-नाक से खून बह रहा हो तो गोखरू का इस तरह से सेवन करना चाहिए। १० ग्राम गोखुर लें उसे २५० मिली दूध में उबाल लें। इसे पिएं रक्तपित्त में लाभ होगा।

20) बुखार में

मौसम बदलने की वजह से बुखार आना सामान्य है। ऐसे में गोखरू का सेवन फायदेमंद होता है। १५ ग्राम गोखरू पञ्चाङ्ग लें। इसे २५० मिली पानी में उबाल लें और इसका काढ़ा तैयार कर लें। इस काढ़े का दिन में ४ बार सेवन करें इससे बुखार उतर जाएगा।


गोखरू का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? (How to Use Gokhru podi in Hindi?)

इसकी खुराक सभी व्यक्तियों के लिए अलग होती है जो बीमारी के प्रकार पर निर्भर करती है और व्यक्ति के शरीर के प्रकार पर भी निर्भर करती है।

यदि आपको किसी ख़ास बीमारी के लिए इसका सेवन करना है तो डॉक्टर से सलाह लेकर करें।

गोक्षुरा क्वाथ  - इसे खाना खाने के बाद दूध या पानी में मिलाकरलिया जा सकता है।

सेवन करने की खुराक

४ से ६ चम्मच गोक्षुरा क्वाथ

गोक्षुरा टैबलेट या कैप्सूल - गोलियों या कैप्सूल को खाना खाने के बाद पानी या दूध से लें।

सेवन करने की खुराक

एक दिन में १ या २ गोलियाँ

गोक्षुरादि गुग्गुलु - इसे कच्चा भी लें सकते है या पानी के साथ भी लें सकते है आमतौर खान खाने के बाद।

सेवन करने की खुराक

५०० मिलीग्राम से १ ग्राम

दोषों पर गोखरू का प्रभाव - Effect of Gokhru on the Doshas:

गोक्षुरा तीनों दोषों के संतुलन को बनाये रखता है। वात दोष (वायु) और कफ दोष (पृथ्वी और जल) दोषों को कम करने में सहायक है और पित्त (पाचन) दोषों को संतुलित करने में सहायक है।

खुराक : भोजन से पहले या बाद में १ से २ ग्राम शहद या गर्म पानी के साथ ले सकते है।

गोक्षुरा चूर्ण कैसे लें

नीचे बताये गए तरीकों से गोक्षुरा चूर्ण लिया जा सकता है।

गुर्दे की पथरी के इलाज में

१ टेबलस्पून गोक्षुरा चूर्ण लें। इसे १ टेबलस्पून शहद में मिलाएं। अब एक कप गर्म दूध में इसे मिला लें। इस काढ़े को सप्ताह में एक बार पिएं। इससे गुर्दे की पथरी से छुटकारा भी मिलेगा और यह बढ़ेगी भी नहीं।

पेशाब के दौरान जलन

गोक्षुरा पाउडर के एक हिस्सा लें। इसे कच्चे शुद्ध पोटेशियम कार्बोनेट या दशमूलारिष्टम के साथ उबाल लें। इसे पानी में मिलाएं या शहद मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते है। मूत्र से जुड़े सभी विकारों से मुक्ति पाने के लिए रोज सुबह के समय इसका सेवन करें।

गोक्षुरा साइड इफेक्ट - Gokshura side effects

गोक्षुरा का सेवन करना बिल्कुल सुरक्षित है, लेकिन इससे नुकसान भी हो सकते है। यह पुरुषों में प्रोस्टेट का आकार भी बढ़ा देता है। पेट के विकार भी उत्पन्न कर सकता है। इसका सेवन करने के पहले चिकित्सक से परामर्श जरूर कर लेना चाहिए। नीचे बताये गए मामलों में विशेष तौर पर सावधानी बरतनी चाहिए।

१. एलर्जी

बहुत से लोगों को एलर्जी हो सकती है जैसे : चकत्ते होना या  पेट खराब होना।

२. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गोक्षुरा का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है की इससे भ्रूण के विकास को हानि हो सकती है।


३. किसी बीमारी में

अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित है और उसकी दवाएं खा रहे है। तब भी सावधानी रखनी चाहिए। जिन महिलाओं को स्तन कैंसर, गर्भाशय के कैंसर और जिन पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर की कभी बीमारी रही है तो उन्हें भी गोक्षुरा के सेवन से बचना चाहिए।

४. सर्जरी का इतिहास

आपने कभी कोई सर्जरी करवायी हो पहले तो निर्धारित खुराक का सेवन करना चाहिए।


५. बच्चे को

बच्चे संवेदनशील होते हैं। उन्हें गोक्षुरा देने के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


६. उच्च रक्तचाप के रोगी

जो लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित है। उन्हें भी चिकित्सकीय देखरेख में इसका सेवन करना चाहिए।


७. मधुमेह

यह रक्त शर्करा का स्तर कम करता है। मधुमेह के रोगी को डॉक्टर से सुझाई गई खुराक लेकर इसका सेवन करना चाहिए।


निष्कर्ष :

इस आयुर्वेदिक औषधि के इतने सारे लाभ है। कई रोगों का इलाज करने के लिए यह उपयोगी है। गोखरू क्या है और गोखरू के फायदे आपने जाने। लेकिन किसी विशेष बिमारी के लिए इसका सेवन करने के पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।


पूछे जाने वाले प्रश्न

1) गोखरू का सेवन कब करें?

इसका सेवन सुबह-शाम करना चाहिए और सेवन के पहले चिकित्सक को जरूर बताएं।

2) गोखरू की पहचान कैसे करें?

गोखरू की पहचान करना आसान है। गोखरू भूमि पर फ़ैलने वाला पौधा है। इसके फूल पीले रंग के होते है। फल काँटों से युक्त होते है इसके चने के आकार के फल होते है।

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