सफ़ेद मूसली विभिन्न प्रकार की बिमारियों को दूर करने का अचूक नुस्खा है। मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल सेक्स पावर बढ़ाने होता है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, पोटैशियम, फाइबर, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट का बेहतरीन स्त्रोत है।
सफेद मूसली क्या है (What Is Safed Musli?)
मूसली के फूलों का रंग सफ़ेद होता है। इसलिए इसे सफ़ेद मूसली कहा जाता है। वैसे तो यह जगलों में बारिश के मौसम में अपने आप ही उग जाती है, किन्तु इसके इतने चमत्कारिक फायदे होने की वजह से इसकी पुरे देश में खेती की जाने लगी है।
सफ़ेद मूसली की इन राज्यों में खेती की जाती है। इनमें शामिल है मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, बिहार, केरल, छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु व वेस्ट बंगाल।
इसमें पाए जाने वाले तत्व है सेपोनिन और सेपोजिनिन। इस औषधीय पौधे की लम्बाई ४० से ५० सेंटीमीटर होती है। गरम जलवायु के इलाकों में इसकी खेती की जाती है जहाँ पर वर्षभर बारिश ६० से ११५ सेंटीमीटर होती हो।
सफेद मूसली के फायदे (Benefits of Safed Musli)
विभिन्न तरह की छोटी से बड़ी बिमारियों में यह किसी रामबाण से कम नहीं है इसके अद्भुत फायदे क्या है जानते है आगे सफेद मूसली के फायदे हिंदी में।
- इम्युनिटी बढ़ाए - इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे शरीर को बिमारियों से लड़ने में ताकत मिलती है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए सफेद मूसली का सेवन करना लाभकारी होता है। सर्दी-जुकाम और संक्रामक बीमारियों से यह शरीर की रक्षा करती है।
- पेशाब की जलन - अगर आपको पेशाब में जलन बनी रहती है। तो सफेद मूसली की जड़ इसमें फायदा पहुँचाती है। इसकी जड़ को पीस ले और इलायची के साथ दूध में उबालकर पिएं इस दूध को पीने से लाभ होगा।
- ब्रेस्टमिल्क को बढ़ाएं - माताओं को स्तनों में दूध वृद्धि करने के लिए बढ़ाने के लिए सफेद मूसली का प्रयोग करना चाहिए। २ से ४ ग्राम सफेद मूसली चूर्ण में समान मात्रा में मिश्री मिला लें। दूध के साथ इसे पिएं आपको इसका लाभ देखने को मिलेगा।
- स्पर्म क्वालिटी बढ़ाए - सफेद मूसली से शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि होती है। सफेद मूसली का सेवन करना स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार लाता है।
- कमजोरी दूर होती है - शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने में सफ़ेद मूसली लाभदायक होती है। बहुत सी तरह की ताकत की दवाएं बनाने में सफेद मूसली प्रयोग की जाती है।
- गठिया के दर्द में फायदा - सफेद मूसली के कंद को लगाने और इसके चूर्ण का सेवन करने से गठिया के दर्द में रहत मिलती है। सफेद मूसली गठिया के लिए बहुत लाभकारी होता है।
- नपुंसकता से बचाव - सफेद मूसली से वीर्य का उत्पादन होता है यह नपुंसकता को दूर कर वीर्य की गुणवत्ता को सुधारती है। इसके नियमित सेवन से नपुंसकता का खतरा कम हो जाता है। गाय के दूध में एक से डेढ़ चम्मच मूसली पाक मिलाकर दिन में दो बार पिएं।
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सफ़ेद मूसली के उपयोग (Safed Musli Uses)
सफेद मुसली के इतने फायदे होने की वजह से सफेद मुसली के बहुत से उपयोग हैं। जानते है सफ़ेद मूसली के उपयोग।
आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के साथ ही चिकित्सा की बहुत सी प्रणालियों में भारत की इस दुर्लभ जड़ी बूटी सफ़ेद मुसली का उपयोग किया जाता है।
यह गठिया, मधुमेह, कैंसर को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। यौन संबंधी बीमारी में सुधार और अन्य उपयोगों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। आमतौर पर यह औषधि पुरुषों में प्रयोग की जाती है पुरुषों को इसके बहुत से फायदे प्राप्त होते है।
इसके अंकुर में पाया जाने वाला सैपोनिन एक प्राकृतिक रासायनिक यौगिक है। जो कामोत्तेजक, बुढ़ापा रोधी, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाला होता है जड़ों में पाए जाने वाला स्टेरायडल और ट्राइटरपेनोइड सैपोनिन-रासायनिक यौगिक चिकित्सीय स्थानों में प्रयोग किये जाते है।
इसमें साधारण शर्करा की उच्च मात्रा जिनमें मुख्य है सुक्रोज, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होते है।
सफ़ेद मूसली खाने का तरीका (How to Consume Safed Musli?)
इसे खाने के बहुत से अलग - अलग तरीक है। कई प्रकार की विधि से इसका सेवन किया जा सकता है। जानिये सफ़ेद मूसली खाने का तरीका
सेवन करने से पहले चिकित्सक से इसकी खुराक निर्धारित करवा ले। क्योंकि इसकी खुराक उम्र, लिंग और रोग के अनुसार ही लेनी चाहिए।
सफ़ेद मुसली को इन प्रकारों में उपयोग कर सकते है - : सफ़ेद मुसली का अर्क, सफ़ेद मुसली कैप्सूल, सफ़ेद मुसली का तेल, सफ़ेद मुसली पाउडर (श्वेत मुसली चूर्ण), सफ़ेद मुसली के बीज का उपयोग किया जाता है।
- सफेद मूसली पाउडर आधा चम्मच ले। उसे गुनगुने दूध के साथ दिन में दो बार भोजन के पश्चात् ले। स्वप्नदोष के बाद जो कमजोरी होती है वह इससे दूर हो जाती है।
- सफेद मूसली का सेवन करने के लिए मूसली पाउडर, मूसली पाक का इस्तेमाल कर सकते है।
- १ से २ ग्राम सफेद मूसली चूर्ण को दिन में दो बार लिया जा सकता है।
- आधा-आधा चम्मच मूसली पाक दिन में दो बार ले सकते है।
- इसके १ से २ कैप्सूल का भी दिन में दो बार सेवन किया जा सकता है।
- इसकी १५ ग्राम जड़ों को दूध में उबालकर पी सकते है।
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सफेद मूसली से सम्बंधित सावधानियां (Precautions Related to Safed Musli)
इसके सेवन से पहले रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में जान लेना चाहिए। अगर गलत या ज्यादा खुराक ले ली जाये तो इसका नुकसान भी हो सकता है।
- गर्भावस्था में - यदि आप गर्भवती है तो इसका सेवन करने से बचे और फिर भी आपको सफ़ेद मूसली का सेवन करना है तो पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले।
- कफ को बढ़ाएं - इस औषधि की तासीर ठंडी होने के कारण यह कफ को बढ़ाने वाली होती है। तो अगर आपको पहले से ही कफ है तो इसके से बचे सेवन से बचे या कम सेवन करे।
- भूख को कम करे - इसके ज्यादा सेवन से भूख में कमी हो जाती है तो डॉक्टर से इसकी खुराक पूछ ले उसके बाद इसे उपयोग में ले।
- कमजोर पाचन तंत्र - यदि आपका पाचन तंत्र कमजोर है तो इसका कम सेवन करे क्योंकि इसे पचने में समय लगता है।
आपको इसके फायदे और नुकसान दोनों ही पता चल गए है तो आप अपनी उम्र और रोग के अनुसार इसका सेवन कर सकते है। लेकिन इसके सेवन के दौरान किसी तरह की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे।