महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ | Ashwagandha Benefits for Female in Hindi
अश्वगंधा को प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी - बूटी के रूप में जाना जाता हैं। यह महिलाओं से जुड़ी समस्याएं मासिक धर्म के दर्द, पीसीओएस, बालों व त्वचा की समस्याओं जैसी शारीरिक बिमारियों को दूर करने का काम करती हैं। महिलाओं के लिए इसका सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता हैं। यहाँ महिलाओं को अश्वगंधा से प्राप्त फायदे जानने को मिलेंगे।
अश्वगंधा क्या हैं? - What Is Ashwagandha?
अश्वगंधा एक हर्बल झाड़ी हैं यानि की एक तरह का पौधा। इसे सदाबहार झाड़ी के रूप में जाना जाता हैं। इसे पूरे भारत में उगाया जाता हैं। अश्वगंधा की जड़ों और फलों का उपयोग औषधीय गुण प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं।
अश्वगंधा को भारतीय जिनसेंग, विंटर चेरी या वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा भी कहते हैं।
"अश्वगंधा," नाम को "घोड़े की गंध," से परिभाषित किया जाता हैं क्योंकि इसकी जड़ की सुगंध घोड़े की गंध की तरह होती हैं।
यदि अश्वगंधा की पहचान करनी हो की यह असली हैं या नकली तो इसे सूंघ कर देखना चाहिए। इसके पौधों को मसलने पर घोड़े की पेशाब जैसी गंध आ रही हो तो यह असली अश्वगंधा हैं। अश्वगंधा को टिंचर, पाउडर, चाय और सप्लीमेंट्स के रूप में सेवन कर सकते हैं।
महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ - Ashwagandha Benefits for Female in Hindi
अश्वगंधा महिलाओं के लिए बहुत ही मददगार औषधि हैं इसे अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाकर आप विभिन्न तरह के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जानिए महिलाओं के लिए अश्वगंधा लाभ।
१. मेमोरी और फोकस में बेहतर
अश्वगंधा का सेवन कार्य प्रदर्शन, ध्यान और प्रतिक्रिया के समय को बढ़ाती हैं। यदि आप अश्वगंधा का सेवन करते हैं तो ध्यान अवधि और याददाश्त में सुधार होता हैं। साथ ही एकाग्रता भी बढ़ती हैं।
२. तनाव के लिए
अश्वगंधा कोर्टिसोल के स्तर को कम करता हैं, कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) हैं। अश्वगंधा से तनाव को कम किया जा सकता हैं। यह व्यक्ति की तनाव से निपटने की क्षमता में सुधार करता हैं और तनाव संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता हैं।
३. मासिक धर्म चक्र में मदद
महिलाओं को पीरियड से संबंधित कई तरह की समस्याएं होती हैं जैसे : अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स में देरी, फर्टिलिटी की समस्या, पीरियड क्रैम्प्स आदि। महिलाओं को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। अश्वगंधा पीरियड्स में फायदा पहुंचाता हैं।
४. गठिया में लाभ
अश्वगंधा की जड़ों और पत्तियों में विथेफेरिन ए होता हैं। यह प्रोस्टाग्लैंडीन जैसे दर्द मध्यस्थों के उत्पादन को रोकने का काम करता हैं। यह गठिया के दर्द और सूजन को कम करता हैं।
५. यौन उत्तेजक के रूप में
यौन रोग से जूझ रही महिलाओं को अश्वगंधा से लाभ मिलता हैं। यदि आप इसका नियमित उपयोग करती हैं तो कामोत्तेजना और स्नेहन में सुधार होता हैं। इसके सेवन से रक्त प्रवाह और यौन शक्ति बढ़ती हैं।
६. कैंसर में मदद
अश्वगंधा कई तरह से नई कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता हैं। अश्वगंधा में विथेफेरिन यौगिक एपोप्टोसिस (अवांछित कोशिकाओं की मृत्यु) को प्रेरित करता हैं यह कैंसर कोशिकाओं को मारता हैं।
७. तनाव को रोकने में
तनाव से घिरे लोगों को भी इसका सेवन करना चाहिए। यह तनाव से निपटने में मदद करता हैं। तनाव संबंधी सभी समस्याओं को कम कर यह हैंप्पी हार्मोन्स को बढ़ाता हैं।
८. रजोनिवृत्ति
जब रजोनिवृत्ति की शुरुआत होती हैं या रजोनिवृत्ति के दौरान महिलाओं को उच्च हार्मोनल असंतुलन का अनुभव होता हैं। जिसकी वजह से चिंता, अवसाद, सोने में परेशानी जैसी समस्या हो सकती हैं। अश्वगंधा ऐसे लक्षणों को कम करने में मदद करता हैं।
९. मधुमेह मेलिटस
यह मधुमेह के जोखिम को प्रबंधित करने में मदद करता हैं। अश्वगंधा से मधुमेह के रोगियों में इंसुलिन का उत्पादन बढ़ता हैं और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता हैं। जिससे रक्त शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता हैं।
१०. योनि संक्रमण से लड़ने में
अश्वगंधा में रोगाणुरोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो योनि के संक्रमण से निपटने में मदद करते हैं। यदि आप भी योनि संक्रमण से परेशान हैं तो अश्वगंधा का सेवन कर सकते हैं।
११. नींद में सुधार
बहुत से लोग नींद की समस्या से जूझते हैं। उन्हें बेहतर नींद नहीं आती हैं ऐसे में अश्वगंधा का नियमित सेवन एक बेहतरीन नींद के लिए लाभकारी हैं। यह नींद की गुणवत्ता में सुधार करता हैं।
१२. पार्किंसंस रोग
अश्वगंधा पार्किंसंस और उससे जुड़ी समस्याओं के जोखिम को कम करता हैं। पार्किंसंस रोग तंत्रिका कोशिकाओं की क्षति के कारण होता हैं। जिससे मांसपेशियों के नियंत्रण, शरीर की गति और संतुलन प्रभावित होता हैं। अश्वगंधा पार्किंसंस रोग में उपयोगी होता हैं।
१३. रक्त शर्करा के स्तर का नियंत्रण
महिलाओं को इन कारणों की वजह से डायबिटीज का शिकार होना पड़ता हैं जैसे : अनियमित मासिक धर्म, हार्मोनल असंतुलन, पीसीओएस या कोई हार्मोनल उतार-चढ़ाव। अश्वगंधा रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सक्षम हैं।
१४. वजन घटाने में
अश्वगंधा जड़ी बूटी महिलाओं में वजन बढ़ने को रोकती हैं और वजन घटाने में मदद करती हैं
१५. त्वचा के लिए
अपनी बढ़ती उम्र से परेशान महिलाओं के लिए अश्वगंधा बहुत ही काम की औषधि हैं। महीन रेखा, मुँहासे, झुर्रियों और काले धब्बों से यह छुटकारा दिलाती हैं।
अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे - Benefits of Ashwagandha and Shilajit in Hindi
यदि आपको अश्वगंधा और शिलाजीत के फायदे प्राप्त करने हैं तो इन्हें साथ में लेना बहुत फायदेमंद होता हैं।
१. यूरिन संक्रमण को नष्ट करें
यूरिन संक्रमण से प्रभावित महिलाओं को इसका सेवन करना चाहिए। यूरिन संक्रमण जैसे : दर्द, खुजली, जलन आदि। शिलाजीत और अश्वगंधा अपने एंटीवायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से यूरिन संक्रमण को नष्ट करने में मदद करते हैं।
२. मांसपेशियां होती हैं मजबूत
शिलाजीत और अश्वगंधा शरीर को मजबूती प्रदान करते हैं। आपके स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी हैं। मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने और बनावट को बेहतर बनाने में यह दोनों फायदेमंद हैं।
३. कमजोरी और थकान दूर करने में
शरीर की खोयी हुई ऊर्जा और थकान को दूर करने के लिए इसका सेवन करना अत्यंत प्रभावी हैं। यदि आपको कमजोरी लगती हैं और थकान महसूस होती हैं तो अश्वगंधा और शिलाजीत का सेवन दूध के साथ करें।
सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे - Benefits of Safed Musli and Ashwagandha in Hindi
सफेद मूसली को भी कई तरह की शारीरिक समस्याओं के निवारण के लिए प्रयोग किया जाता हैं महिलाओं आगे बताये गए सफेद मूसली और अश्वगंधा के फायदे प्राप्त होते हैं।
१. उम्र का असर कम करने में
आज हर महिला सुंदर और जवान दिखना चाहती हैं। यदि आप भी बढ़ती उम्र का असर कम करना चाहती हैं तो सफेद मूसली का सेवन आपकी सुंदरता में चार चाँद लगा देगा।
२. ब्रेस्टमिल्क में वृद्धि
जिन माताओं को स्तनों में दूध ज्यादा नहीं आता हैं उनके लिए यह किसी रामबाण से कम नहीं हैं। इसके सेवन के लिए २ से ४ ग्राम सफेद मूसली का चूर्ण और इसमें समान मात्रा में मिश्री मिला लें। दूध के साथ इसका सेवन करें।
अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए - for How Many Days Should You Eat Ashwagandha in Hindi?
अश्वगंधा के फायदे बहुत हैं लेकिन अश्वगंधा कितने दिन तक खाना चाहिए यह पता होना जरुरी हैं। बिना जानकारी के इसका सेवन ना करे। यदि आपको कोई उलझन महसूस हो रही हैं तो आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं।
अलग-अलग तरह की बीमारी में खुराक और अवधि अलग होती हैं। जरूरत से ज्यादा खाने पर इससे नुकसान भी हो सकते हैं। सर्दियों में अश्वगंधा का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता हैं।
अश्वगंधा खाने से क्या होता हैं - What Happens if You Eat Ashwagandha in Hindi?
बहुत से लोगों का यह सवाल होता हैं की अश्वगंधा खाने से क्या होता हैं। तो यदि आप अश्वगंधा का सेवन करेंगे तो शरीर में कुछ इस तरह के प्रभाव आपको दिखाई देंगे।
- अश्वगंधा से रेड ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स में वृद्धि होती हैं। जिससे गंभीर तरह की शारीरिक समस्याओं में लाभ मिलता हैं।
- अश्वगंधा में पाए जाने वाले ऑक्सीडेंट इम्युन सिस्टम को मजबूत करने का काम करते हैं। जिससे बीमारियों से सामना करने की शक्ति मिलती हैं।
- यह शारीरिक और मानसिक संतुलन को बेहतर बनाये रखता हैं।
अश्वगंधा टेबलेट खाने का तरीका - How to Eat Ashwagandha Tablet in Hindi
आप अश्वगंधा पाउडर, अश्वगंधा की टैबलेट या अश्वगंधा कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं। इन्हें चिकित्सक द्वारा बताए अनुसार ही लें।
- अश्वगंधा का पाउडर (चूर्ण) १/४ - १/२ चम्मच दूध या शहद के साथ ले सकते हैं।
- अश्वगंधा टेबलेट खाने का तरीका हैं दिन में दो बार खाने के बाद गर्म दूध या पानी के साथ १ अश्वगंधा टैबलेट ले सकते हैं।
- अश्वगंधा कैप्सूल दिन में दो बार भोजन के बाद १ कैप्सूल गर्म दूध या पानी के साथ लिया जा सकता हैं।
अश्वगंधा के नुकसान - Disadvantages of Ashwagandha in Hindi
यदि आप अश्वगंधा का सेवन कर रही हैं तो कुछ स्थितियों में अश्वगंधा के नुकसान भी हो सकते हैं।
१. गर्भपात का कारण
गर्भावस्था के दौरान अश्वगंधा के सेवन से बचना चाहिए। यह गर्भाशय के संकुचन को बढ़ा सकता हैं या समय से पहले जन्म का कारण हो सकता हैं।
२. मतली और दस्त
आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों का सामना करना पड़ सकता हैं। जैसे : पेट की खराबी, मतली और दस्त।
३. हृदय रोग के रोगी
अश्वगंधा से रक्तचाप कम हो सकता हैं। यदि आप अश्वगंधा या इसके पूरक के साथ ही उच्चरक्तचापरोधी दवाएं भी ले रहे हैं तो आपको नियमित रूप से रक्तचाप की निगरानी करनी होगी।
निष्कर्ष :
महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए अश्वगंधा का प्रयोग करना चाहिए। यदि आप अश्वगंधा का सेवन करते हैं तो आपको ऊपर बताये गए सभी लाभ मिलेंगे। किसी तरह की परेशानी आने पर आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं या डॉक्टर से सलाह लेकर आप इसका सेवन कर सकते हैं।