थायराइड एक ग्रंथि होती है जो तितली के आकार की होती है। यह ग्रंथि गले में होती है पुरुष और महिलाओं दोनों को थायराइड हो सकता है। लेकिन पुरुष की तुलना में महिलाएं इस बीमारी की चपेट में ज्यादा आती है किन्तु इसका इलाज भी सम्भव है जिसके बारे में आज आपको बताया जाएगा।
थायराइड क्या होता है (What is Thyroid in Hindi?)
थायरॉइड ग्रंथि शरीर का ही एक अंग होता है। जो गर्दन में पायी जाती है। थायरॉइड ग्रंथि को अवटु ग्रंथि के नाम से भी जाना जाता है। यह हार्मोन्स को बनाने का काम करती है जो शरीर के कार्य को करने और नियंत्रित करने में सहायक होते है।
तितली के आकार की यह ग्रंथि गले में बीच में होती है। जिसमें २ चौड़े पंख भी दिखाई देते है। शरीर में होने वाली चयापचय क्रिया में इस ग्रंथि की अहम भूमिका होती है।
थायरॉइड हार्मोन का काम (Thyroid Works in Hindi)
यह ग्रंथि ट्राइ-आयडोथाइरोनीन (टी ३) और थाइरोकैल्सिटोनीन हार्मोन को स्रावित करने का काम करती है। इसके साथ ही इसके और भी कार्य है जानते है उनके बारे में।
- यह हार्मोन महिलाओं में दुग्धस्राव के स्तर में वृद्धि करता है।
- ब्लड में चीनी, फोस्फोलिपिड तथा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में सहायक।
- पेशियों, लैंगिक, हड्डियों तथा मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है।
- हृदय की गति एवं ब्लड प्रेशर को नियंत्रण करने का कार्य करता है।
- लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण बढ़ाता है और रक्ताल्पता के रोकथाम का कार्य करता है।
- वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन के मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है।
थायरॉइड रोग के प्रकार (Thyroid Types in Hindi)
थायरॉइड के ४ प्रकार होते है जो की नीचे बताये गए है।
१) हाइपोथायरायडिज्म थायराइड- थायराइड की अल्पसक्रियता यानि की जब थायराइड ग्रंथि में थायराइड हॉर्मोन की कमी हो जाती है तो यह होता है। यह छोटे बच्चों में ही ज्यादा होता है।
२) हाइपरथाइरॉयडिज़्म थायराइड- जब आवश्यकता से ज्यादा थायराइड ग्रंथि में अतिरिक्त टिशू का उत्पादन होता है तो यह हार्मोन्स ज्यादा मात्रा में उत्पादित होते है।
इस थायराइड में हार्मोन की मात्रा ज्यादा हो जाती है यह महिलाओं को ज्यादा होता है।
३) गोइटर थायराइड- इसे घेंघा रोग के नाम से जाना जाता है, शरीर में आयोडीन की कमी होने की वजह से यह रोग होता है। आयोडीन की मात्रा सामान्य करने के लिए डॉक्टर मरीज को आयोडीन की दवाई देते हैं।
४) थायराइड कैंसर- यह थायराइड का गंभीर प्रकार है। सर्जरी के माध्यम से इस थायराइड का इलाज किया जा सकता है। थायराइड ग्रंथि के गांठ बन जाने पर थायराइड कैंसर होता है। अलग - अलग शहर और लैब के अनुसार थायराइड टेस्ट की कीमत अलग अलग होती है।
थायराइड के लक्षण (Thyroid Symptoms in Hindi)
अगर गले मे थायराइड के लक्षण पर ध्यान दिया जाये तो यह पता लगाया जा सकता है की हमें गले मे थायराइड हुआ है।
थायराइड के लक्षण हिंदी में
- चयापचय दर में वृद्धि या कमी - वजन बढ़ने या घटने की वजह से चयापचय में कमी या वृद्धि हो जाती है।
- गले में सूजन - जब थायरॉइड होने की शुरुआत होती है तो किसी - किसी को गले में सूजन आ जाती है। यह मुख्य रूप से घेंघा रोग के लक्षणों में आता है।
- तेज हृदय गति - थायराइड के शुरुआती लक्षण होने पर हृदय की गति तेज हो जाती है।
- ज्यादा प्यास लगना - बार-बार प्यास लगने लगती है और गला सूखता है।
- स्वभाव में बदलाव - थायरॉइड के मरीजों के व्यवहार में बदलाव आने लगता है कभी दुखी हो जाते है तो अचानक से कभी खुश होने लगते है।
महिलाओं में थायराइड के लक्षण (Thyroid Symptoms for Female in Hindi)
- अनियमित मासिक धर्म - अनियमित माहवारी होने लगती है।
- बाल झड़ना - महिलाओं में थायरॉइड होने पर बाल तेजी से झड़ते है।
- थकान - सुस्ती और थकान महसूस होना।
- कमजोरी - महिलाओं को कमजोरी महसूस होने लगती है।
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पुरुषों में थायराइड का इलाज (Thyroid Treatment in Men)
पुरुष भी इस बिमारी की चपेट में आते है जानते है उन्हें इसका इलाज कैसे करना चाहिए।
थायरॉइड की दवा लेने में बिल्कुल भी आनाकानी ना करे। समय पर दवाएं ले और खाने पिने का ध्यान रखे। बाहर के खाने से परहेज करे, चाय कॉफी का सेवन कम कर दे। अपनी दिनचर्या में योग और प्राणायाम को जगह दे। थायराइड का होम्योपैथिक इलाज भी आप करा सकते है।
थायरॉइड रोग होने के कारण (Thyroid Causes in Hindi)
- हाल ही में बच्चे को जन्म देने के बाद भी महिलाओं को थायरॉइड हो जाता है।
- शरीर में आयोडीन की कमी के कारण भी यह समस्या होती है।
- सोया उत्पादों का ज्यादा सेवन करने से यह रोग हो सकता है।
- उच्च रक्तचाप में थायरॉइड होने की सम्भावना अधिक रहती है।
- मधुमेह भी थायरॉइड होने का मुख्य कारण है।
- यह आनुवांशिक भी हो सकता है।
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(थायराइड कितना होना चाहिए) What Is Normal Thyroid Hormone Levels
थायराइड सामान्य रूप से 0.4 -4.0 mIU/L के बीच होता है और अगर TSH 2.0 से ज्यादा होता है तो हाइपोथायरॉडिज्म बढ़ सकता है। कुछ विशेष स्थिति जैसे थायराइड कैंसर, बुढ़ापा, गर्भावस्था होने पर इसमें अंतर आ सकता है।
थायरॉइड के दौरान आपका खान-पान (Your Diet in Thyroid Disease)
- आयोडीन से युक्त भोजन करे।
- फलों और सब्जियों को खाने में शामिल करे।
- ज्वार और गेहूं वाले भोजन का सेवन करे।
- फाइबर, प्रोटीन और विटामिन्स से भरे साबुत अनाज का सेवन करे।
- विटामिन ए का सेवन भी इसमें फायदा पहुँचाता है।
थायरॉइड के दौरान जीवनशैली (Your Lifestyle for Thyroid Disease)
- इस बीमारी के मरीज अपनी दिनचर्या में व्यायाम, योग शामिल करे।
- भूखे ना रहे भूखे पेट रहने से थायरॉइड ग्रंथि पर बुरा असर होता है।
- जितना आप तनाव में रहेंगे उतना ही जल्दी आप इस बीमारी को दूर कर पाएंगे।
- समय - समय पर चिकित्स्क से चेकअप कराते रहे।
थायरॉइड के लिए परहेज (Avoid These in Thyroid)
डिब्बाबंद भोजन के सेवन से बचे यह सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है।
- एल्कोहल, धूम्रपान का स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है इनसे परहेज करे।
- जंक फ़ूड को अपने भोजन में शामिल ना करे।
योगासन से थायरॉइड का उपचार (Yoga for Thyroid Disease)
योग थायराइड को जड़ से खत्म करने के उपाय में से एक है। नीचे बताये गए योग की आप मदद ले सकते है।
- शशकासन
- सूर्य नमस्कार
- भुजंगासन
- मत्स्यासन
- धनुरासन
- उष्ट्रासन
- पवनमुक्तासन
- हलासन
- सर्वांगासन
आज की इस अस्वस्थ खान पान वाली ज़िंदगी और तनाव लेने की वजह से थायरॉइड की समस्या हो जाती है। थायरॉइड की दवाओं का सेवन डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही करे। योग और प्राणायाम को जीवन में शामिल करे और अपने शरीर बनाये।